श्री अनंत कुमार – एक मृदुभाषी व्यक्तित्व: संस्मरण

पूर्व  केद्रीय रसायन, उर्वरक और संसदीय मामलों के मंत्री श्री अनंत कुमार जी एक मृदुभाषी व्यक्तित्व के स्वामी थे ! रसायन, उर्वरक और संसदीय मामलों में  मंत्री के रूप में उनके कार्यो को हमेशा याद रखा जायेगा!

अपने  मधुर व्यहार के चलते संसद में शायद ही कोई ऐसा हो जो उनको पसंद नहीं  करता हो! कम किन्तु उचित और सारगर्भित बोलना उनकी खास विशेषता थी! संसदीय मामलों में मंत्री के रूप में  संसद को सुचारु रूप से चलने के लिए  उन्होंन सभी पार्टियों के नेताओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने का भरपूर प्रयास किया!

श्री अनंत कुमार संसद में पूरी तयारी के साथ आते थे इसीलिए जब वे बोलते थे तो विपक्ष के लिए उनकी बातों और तर्कों का विरोध करना मुश्किल जो जाता था ! कर्णाटक के साउथ बेंगलुरु से 6 बार सांसद रहे श्री अनंत कुमार, वाजपेयी कैबिनेट में भी मंत्री रहे थे!  कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने में उनके  विशेष और महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा!

इस दुनिया में कुछ लोगो ऐसे लोग होते हैं जिनके नहीं रहने के बाद भी उन्हें उन्हें अच्छे व्यहार और महान व्यक्तित्व के कारण लोग निःस्वार्थ भाव से याद करते है और श्री अनंत कुमार जी ऐसे ही व्यक्ति थे! अच्छाई और सादगी उनके चहरे से स्पष्ट दिखाई देती थी और यही कारण था की श्री नरेंद्र मोदी की सरकार में वे रसायन और उर्वरक मंत्रालय के साथ – साथ संसदीय कार्य मंत्रालय का कार्य भार भी सफलता पूर्वक संभाल रहे थे | हालांकि समय चक्र कभी नहीं रुकता और श्री अनंत कुमार जी के बाद दूसरा कोई मंत्री उनके मंत्रालय का भार अपने ऊपर लेकर चला रहा है किन्तु श्री अनंत कुमार जी को न केवल उनके प्रशंसक बल्कि उनके विरोधी भी उनके सौम्य व्यहार के कारण उन्हें बहुत याद करेंगे |

बर्तमान समाय में रानीति ऐसी है कि  कुछ लोग बिना वजह की राजनितिक कारणों से कुछ लोगों का विरोध करते हैं | श्री अनंत कुमार जी का भी कुछ विपक्षी पार्टियों के नेता हमेशा उनका विरोध करते थे किन्तु श्री अनंत कुमार जी अपने धुर विरोधियों को भी जिसे सौम्यता, धैर्य और तर्क से साथ जबाब देते थे वह लोगो के दिल में हमेशा अविस्मरणीय रहेगा |

श्री अनंत कुमार जी कर्नाटक के एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार से आते थे | उनके पिता श्री नारायण शास्त्री भारतीय रेलवे में काम करते थे और माता श्रीमती गिरिजा शास्त्री एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थी | सन १९७३ में श्री अनंत कुमार जी ने राष्ट्रीय सवयं संघ में शामिल हुए और श्री जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाये गए आंदोलन में शामिल हुए अपनी योग्यता से केंद्रीय मंत्री के पद तक पहुंचे |

श्री अनंत कुमार न केवल कर्णाटक  भाजपा के सबसे बड़े नेताओ में से एक थे बल्कि उनकी गिनती भाजपा के  राष्ट्रीय नेताओं में होती थी! उनके जाने से कर्णाटक भाजपा में जो रिक्तता आयी है उसे भरना आसान नहीं होगा! कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी राज्य इकाई को मजबूत बनाने और वहाँ राज्य की सत्ता में लाने में श्री अनंत कुमार जी की बहुत बड़ी भूमिका थी जिसे भारतीय जनता पार्टी हमेशा याद रखेगी|

 

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