क्या आप भी बुद्धिजीवी बनाना चाहते है? (व्यंग्य)

द्धिजीवी कहलाना कौन नहीं चाहता ! आज कल मीडिया के एक वर्ग और कुछ राजनीतिक दलों में भी कुछ खास लोगो को बुद्धिजीवी कहा जाता  है ! कुछ देर के लिए मैं भी सोच में पड़ गया कि आखिर इन लोगो में ऐसी कौन सी विशिष्ट बुद्धिमत्ता होती है कि जिससे इन्हे बुद्धिजीवी कहा जाता है?

कॉलेजो में पढ़ाने वाले कुछ ही शिक्षक बुद्धिजीवी कहलाने का सौभाग्य  प्राप्त कर पाते है! उसी तरह लाखो सामाजिक कार्यकर्ताओं में से सिर्फ मुट्ठी भर लोग ही    ‘बुद्धिजीवी” के पद से नवाजे जाते है! कुछ उसी तरह  कुछ चंद चित्रकार, पत्रकार, कलाकार, इतिहासकार, लेखकार, और ब्यँग्यकार ही बुद्धिजीवी कहलाने के हक़दार होते हैं!

आखिरकर गहन विचार करने के बाद हमें वह विशिष्ट गुण पता चल ही गया जिसके कारण कोई ब्यक्ति  बुद्धिजीवी कहलाने का अधिकारी होता है ! यदि आप भी बुद्धिजीवी कहलाना चाहते है तो इसके लिए  सबसे पहले आपको अनिवार्य रूप से हिन्दू सनातन  धर्म और संस्कृति का कटु आलोचक होना पड़ेगा! हालांकि दुनिया के हर धर्म में समय से साथ साथ कुछ सामाजिक बुराइयाँ आ ही जाती है किन्तु सावधान ! आपको सिर्फ हिन्दू धर्म की ही बुराइयाँ करनी है और अगर भूल से भी आपने किसी और धर्म की बुराइयों  के खिलाफ आँख उठाकर भी देखा तो उसी समय आप हमेशा -हमेशा के लिए बुद्धिजीवी पद के लिए अपात्र करार कर दिए दिए जायेंगे !

बुद्धिजीवी होने की एक और प्रमुख  और अनिवार्य शर्त है कि आपके दिल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आरएसएस) के प्रति अत्यंत नफरत का भाव हमेशा बना रहना चाहिए! आपको अपने हर लेख और  टीवी डिबेट में भाजपा और आरएसएस के प्रति नफरत का भाव स्पष्ट तौर पर दिखाना होगा ! इसके आलावा आपका विरोध प्रदर्शन  और कैंडल मार्च सिर्फ भाजप शासित राज्यों की घटनाओ के विरुद्ध ही होना चाहिए और भूल कर भी गैर भाजपा शासित राज्यों में होने वाली विभस्त घटनावो के विरुद्ध एक भी शब्द नहीं बोलना चाहिए ! अगर आपके अंदर ये सब  विशिष्ट गुण नहीं है तो आप कभी भी बुद्धिजीवी नहीं कहला पाएंगे भले ही आप कितने ही बड़े चित्रकार, पत्रकार, कलाकार, इतिहासकार,लेखकार, और ब्यँग्यकार ही क्यों न हो ! और हाँ, अगर आप कुछ गिने चुने केंद्रीय विश्वविधालयों के छात्र नेता है और अगर आपने अपने भाष णों में प्रधानमंत्री मोदी जी का अपमान कर दिया तो कुछ मीडिया चैनल और बुद्धिजीवी उसी समय आपको भविष्य का महान राजनेता भी घोषित कर देंगे!

आज कल बुद्धिजीवियों का एक और नया वर्ग पैदा हुआ है! अब बुद्धिजीवी बनाने का काम मीडिया बड़ी आसानी से कर रही है! अब बस आपको हिन्दू सनातन जीवन पद्धति या धर्म -शास्त्रों के ऊपर कुछ विवादात्मक बयान भर दे देना है और बाकी काम मीडिया चीख -चीख कर देगी! रातों -रात आप बुद्धिजीवी बन जायेंगे |

ऊपरोक्त तो समान्य बुद्धिजीवी होने की अनिवार्य शर्ते थी लेकिन अगर आप अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बुद्धिजीवी कहलाना चाहते है तो उपरोक्त गुणों के साथ साथ आपको कश्मीर में अलगावादियों, तथा  नक्सलवादियों का कट्टर समर्थक भी होना पड़ेगा और उनको पीड़ित बताने के साथ- साथ श्री मोदी जी को भी पानी पी करके कोसना पड़ेगा अन्यथा आप कभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बुद्धिजीवी नहीं बन पाएंगे !

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