भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता क्यों है?

जनसंख्या नियंत्रण कानून

इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय मस्तिष्क विभिन्न क्षेत्रों में बहुत प्रतिभाशाली हैं और लाखों भारतीय भारत और दुनिया भर में डॉक्टर, वैज्ञानिक, व्यवसायी और पेशेवर के रूप में काम कर रहे हैं। किन्तु जनसंख्या एक निश्चित स्तर पर ही किसी भी देश के लिए एक संसाधन है। यदि जनसंख्या घनत्व (प्रति वर्ग किलोमीटर में लोगों की संख्या) बहुत अधिक होगा तो यह भारत जैसे विकासशील देश के लिए अच्छा नहीं होगा। बहुत अधिक जनसंख्या घनत्व देश के लिए बहुत सारी समस्याएँ पैदा कर सकता है। भारत जनसँख्या के मामले में अब तो चीन से भी आगे निकल चुका है |

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या सांख्यिकी

यदि हम भारत और सबसे विकसित देशों में से एक संयुक्त राज्य अमेरिका के जनसंख्या सम्बंधित आंकड़ों की तुलना करें तो यह आसानी से समझा जा सकता है कि भारत के लिए जनसंख्या नियंत्रण कितना आवश्यक है। 2019 में भारत की जनसंख्या 136.6 करोड़ थी जबकि अमेरिका की जनसंख्या सिर्फ 32.82 करोड़ थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से संयुक्त राज्य अमेरिका भारत से लगभग 3 गुना बड़ा देश है। भारत का कुल क्षेत्रफल 3,287,263 वर्ग किलोमीटर है जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका का कुल क्षेत्रफल लगभग 9,147,593.0 वर्ग किलोमीटर है। यदि हम भारत और अमेरिका के बीच जनसंख्या घनत्व का आकलन करें तो हम पाते हैं कि दोनों देशों के बीच जनसंख्या घनत्व में बड़ा अंतर है। भारत का जनसंख्या घनत्व 460 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका का जनसंख्या घनत्व मात्र 36 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। अगर हम भारत की जनसंख्या वृद्धि दर की बात करें तो 2018 से 2019 के बीच यह लगभग 1.02% थी और इससे भारत की जनसंख्या में लगभग 13775474 लोग बढ़े जो कि यूरोपीय देश फिनलैंड की जनसंख्या से 2.5 गुना से भी अधिक है, जिसकी जनसंख्या सिर्फ 55 लाख है।

भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता क्यों है?

जनसंख्या एक मूल्यवान संसाधन है, लेकिन यह किसी भी देश के लिए एक दायित्व भी है। नीचे चर्चा किए गए बिंदु बताते हैं कि भारत में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ की आवश्यकता क्यों है। भारत में कई जागरूक लोग हैं जिनके एक या दो बच्चे हैं, लेकिन करोडो लोग ऐसे हैं जिनके ४ या ४ से अधिक बच्चे हैं जिनका जन्म 2010 के बाद हुआ है। नीचे दिए गए बिंदु भारत के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून के महत्व और आवश्यकता को समझाते हैं।

कृषि आधारित अर्थव्यवस्था

भारत की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 17% है | भारत के आर्थिक सर्वेक्षण, 2018 के अनुसार, लगभग 60% भारतीय आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर करती है। हालाँकि, 1960 की ‘हरित क्रांति’ के बाद भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है लेकिन भारत की जनसंख्या हर साल 13 मिलियन से अधिक बढ़ रही है। कृषि भूमि सीमित है तथा जनसंख्या के अनुपात में बढ़ नहीं सकती। इसलिए, जनसंख्या पर नियंत्रण करना आवश्यक है ताकि भारत अपने स्वयं के उत्पादित खाद्यान्न पर आत्मनिर्भर रह सके क्योंकि लगभग 140 करोड़ की आबादी वाला देश खाद्यान्न आयत पर निर्भर नहीं रह सकता है क्योंकि भारत को खाद्यान्न के आयत में वहुत बड़ी रकम खर्च करनी पड़ेगी |

सीमित प्राकृतिक संसाधन

भारत प्राकृतिक जल संसाधनों से परिपूर्ण देश है। भारत के लगभग हर हिस्से में हजारों नदियाँ और झीलें हैं जो लाखों लोगों की पानी की जरूरत को पूरा करती हैं। नदियाँ केवल पानी का स्रोत नहीं हैं बल्कि यह भारतीय किसानों की सिंचाई का मुख्य स्रोत भी हैं। लेकिन मानव जीवन के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण संसाधन असीमित नहीं है। हम भारत के दो राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच सिंचाई के लिए कावेरी के पानी के बंटवारे का विवाद पहले ही देख चुके हैं। वर्तमान में दिल्ली और मुंबई जैसे कुछ बड़े शहरों में ज़मीन का जलस्तर 100 मीटर से भी नीचे चला गया है। दिल्ली पूरी तरह से गंगा नदी पर निर्भर है। लेकिन जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है उस हिसाब से आने वाले कुछ वर्षों में गंगा नदी का पानी दिल्ली के लिए पर्याप्त नहीं होगा। देश के कुछ हिस्सों में जल संकट शुरू हो चुका है, जहां लाखों लोगों को आसानी से पीने का पानी नहीं मिल रहा है; वे पीने के पानी के लिए कुओं और तालाबों पर निर्भर हैं। भारत में लगभग हर जगह यही स्थिति है. इसलिए, भारत के लिए ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ द्वारा नई जनसंख्या नीति बनाने का यह सबसे सही समय है अन्यथा बहुत देर हो जाएगी।

वेरोजगारी की समस्या

भारत में बेरोजगारी का मुख्य कारण अधिक जनसंख्या है | बहुत अधिक जनसंख्या बेरोजगारी की समस्या से ग्रस्त है। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या लगभग३५ करोड़ है लेकिन बेरोजगारी वहाँ भी एक समस्या है। वैसे तो भारत में विभिन्न क्षेत्रों में लाखों नौकरियां हैं लेकिन चूंकि इसकी आबादी 140 करोड़ है, इसलिए यहां लाखों लोग वेरोजगार हैं और हर साल बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है |

श्री नरेंद्र मोदी की वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) जैसी विभिन्न योजनाएं शुरू कीं, जिसके माध्यम से लाखों लोगों को छोटे व्यवसाय स्थापित करने के लिए आसानी से बैंक ऋण मिला। लेकिन इस प्रयास के बावजूद, 2018 से 2020 तक भारत की बेरोजगारी दर 7.34% है। इंजीनियरिंग और प्रबंधन की डिग्री वाले लाखों स्नातक बेरोजगार हैं। अतः जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना आवश्यक है ताकि आने वाले वर्षों में बेरोजगारी की समस्या को कम किया जा सके।

कानून एवं व्यवस्था की समस्या

यदि देश में बेरोजगार लोगों की संख्या बढ़ेगी तो देश में कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो जायेगी। अपराध दर में वृद्धि होगी क्योंकि बेरोजगार लोग अनैतिक तरीकों से पैसा कमाने की कोशिश करेंगे। वेनेजुएला और मैक्सिको जैसे कुछ देशों में देखा गया है कि बेरोजगारी के कारण कई लोग अपहरण, तस्करी और अन्य प्रकार के अपराधों में लगे हुए हैं। ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ न केवल बेरोजगारी की समस्या को कम करेगा बल्कि आने वाले वर्षों में देश में अपराध दर में भी कमी लाएगा।

चिकित्सकीय सुविधाएं

देश की जनसंख्या सरकार का दायित्व है। सरकार का कर्तव्य देश के प्रत्येक नागरिको को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। हालाँकि, भारत सरकार इस बारे में अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन हम यह नहीं भूल सकते कि भारत अब सबसे बड़ी आबादी वाला विकासशील देश है। हर सरकारी अस्पताल में मरीजों की काफी भीड़ रहती है | भारत के सबसे बड़े और उन्नत अस्पताल, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कुछ बड़ी सर्जरी के लिए एक वर्ष से अधिक का इंतजार करना पड़ता है। देश में डॉक्टरों, अस्पतालों, बिस्तरों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं की कुल संख्या भारत जैसे विशाल जनसँख्या वाले देश के लिए पर्याप्त नहीं है। भारत सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में कई नए एम्स स्थापित करने की घोषणा की है, लेकिन फिर भी अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं नहीं लाया गया तो स्थिति और भी गंभीर होती चली जाएगी |

हालाँकि भारतीय राजनीति की परंपरा के अनुसार कुछ दल और नेता ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ का विरोध करेंगे लेकिन भारत सरकार को किसी के विरोध की परवाह न करते हुए देश के जनता के व्यापक हिट में जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण बिल संसद के दोनों सदनों में पेश करना चाहिए और इस बिल को पारित कराने का प्रयास करना चाहिए|

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