अयोध्या में रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का महत्व

Ram Temple in Ayodhya

अरविन्द श्रीवास्तव

आज, २२ जनवरी को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नव निर्मित श्रीराम मंदिर में प्रभु राम की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को सम्पूर्ण किया ! श्रीराम जी की जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण भारतीय सनातन संस्कृति के इतिहास की एक क्रन्तिकारी घटाना है | श्रीराम जी की जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण से भारत में सर्व समावेशी सनातन संस्कृति के पुनरुद्धान के नए युग का सूत्रपात हुआ है | माननीय सर्वोच्च न्यायालय के राम मंदिर के पक्ष में फैसले के बाद, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ जिसका  जिसकी आधारशिला प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने5 अगस्त, 2020 को रखी था । लंबे इंतजार के बाद और पिछले 500 वर्षों में, भगवान राम के जन्मस्थान पर मंदिर बनाने के लिए हजारों हिंदू लोगों के अपने जीवन के बलिदान करने के बाद रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है | भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कोई सामान्य घटना नहीं है; अयोध्या में मंदिर निर्माण के कई मायने हैं जिसके बहुत दूरगामी परिणाम होंगे |

अब अन्याय लंबे समय तक जारी नहीं रह सकता:

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि आजादी के 75 साल बाद  भारत की जनता अन्याय को स्वीकार नहीं कर सकती | यह ऐतिहासिक तथ्य था कि एक विदेशी सम्राट बाबर ने अयोध्या में भगवान राम के मूल मंदिर को ध्वस्त कर दिया था और उसके स्थान पर एक संरचना का निर्माण किया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट भी कहती है कि उस संरचना के निर्माण से पहले भगवान राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर था। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जजों ने इस ऐतिहासिक तथ्य को स्वीकार किया कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर मंदिर मंदिर की जगह एक ढांचा बनाया गया था | इसके अलावा अब भारत भगवान राम के जन्म स्थान को लेकर लंबे समय तक अन्याय या न्याय में देरी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था | इस प्रकार, अंततः भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया और भगवान राम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।

 भारतीय सभ्यता की ख्याति का सम्पूर्ण विश्व में विस्तार:

भगवान राम, महान भारतीय सभ्यता के सबसे बड़े प्रतीक हैं। राम के बिना भारतीय सभ्यता निरर्थक है। दुर्भाग्य से, न केवल विदेशों में, बल्कि भारत में भी कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोग हैं जो कहते हैं कि राम एक काल्पनिक चरित्र हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर बनने के बाद दुनिया भर के लोगों को यह बात पता चल जाएगी कि राम महान भारतीय सभ्यता केसर्वोच्च आदर्श और मील के पत्थर हैं | अयोध्या में भव्य मंदिर बनने के बाद न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी लाखों लोग अयोध्या आएंगे, भगवान राम के आदर्श चरित्र के बारे में जानेंगे और इससे महान भारतीय सभ्यता की प्रसिद्धि सम्पूर्ण विश्व में फैलेगी।

सम्पूर्ण विश्व में भगवान राम के जीवन पर आधारित महर्षि बाल्मीकि द्वारा रचित ग्रन्थ रामायण या गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से अधिक प्रेरणाप्रद ग्रन्थ और कोई दूसरा  नहीं है | समाज में एक राजा, एक पिता, एक भाई, एक पत्नी,  एक पति, एक सन्यासी, एक गृहस्थ, एक मित्र, एक भक्त, एक सेवक, एक मंत्री, और आम जनों को कैसा व्यहार करना चाहिए अगर उसको जानना है तो रामयण या रामचरितमानस से बढ़कर और कोई दूसरा ग्रन्थ नहीं हो सकता | इसके रामायण या रामचरितमानस में वे सभी नीति और आदर्श की बातें मिलेंगी जिसकी जरुरत मनुष्य मात्र को होती है | हमें कब और किस परिस्थितियों में क्या करना चाहिए इसको अगर जानना है तो इसके लिए रामायण या रामचरितमानस से बढ़कर और कोई दूसरा ग्रन्थ नहीं हो सकता |

भगवान राम का चरित्र ऐसा है कि जिससे सम्पूर्ण मानव मात्र प्रेरणा से सकता है | यदपि भगवन राम ईश्वर के अवतार थे किन्तु अयोध्या में अवतार लेते के बाद उन्होंने मानव जीवन के उच्चतम आदर्शों को स्थापित किया | सबसे पहले महर्षि बाल्मीकि ने भगवान राम का जीवन चरित्र देव भाषा संस्कृत में लिखा जो रामायण नाम से प्रसिद्ध हुआ | किन्तु संस्कृति केवल कुछ पढ़ेलिखे लोगों की ही भाषा है, इसलिए उसकी पहुंच आम जान तक कम हुई | जब गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी ( हिंदी जैसी ) भाषा में रामचरितमानस लिखा तब उसकी पहुंच जनजन तक हो गयी | इसी क्रम में रामायण सीरियल बनाने वाले भगवन राम के अनन्य भक्त रामानंद सागर जी का भी नाम आता है जिन्होंने भगवन राम के जीवन चरित्र पर आधारित ऐसा दिव्य सीरियल बनाया जिसको देखकर युगोयुगों तक लोग निहाल होते रहेंगे | यदपि रामायण पर आधारित देश में कई सीरियल और सिनेमा बने किन्तु जैसा सीरियल रामानंद सागर ने बनाया  उसकी बराबरी कोई नहीं कर सका | यह सीरियल हमेशा एक दृश्य काव्य के रूप में लोगों को प्रेरणा देता रहेगा |

देश की एकता और अखंडता की मजबूती :

भाषा, संस्कृति और परंपरा में विविधता के बावजूद भगवान राम, भारत में एकता के सबसे बड़े आधारों में से एक हैं। भगवान राम पूरे देश में पूजे जाते हैं और भव्य मंदिर बनने के बाद देश के कोने-कोने से लाखों लोग अयोध्या आएंगे और इससे अंततः भारत में एकता की शक्ति बढ़ेगी।

 विकास के लिए मील का पत्थर:

अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या ,उसके पड़ोसी जिलों और सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा , और संभव है कि अगले कुछ वर्षों में अयोध्या भारत के सबसे विकसित शहरों में से एक बन जाए. | चूंकि भव्य मंदिर बनने के बाद लाखों लोग इसे देखने के लिए अयोध्या आएंगे, इसलिए अयोध्या और उसके आसपास के जिलों में कई होटल, गेस्ट हाउस, रेस्तरां और बाजार खुलेंगे। इसके अलावा, सड़क, हवाई अड्डे, बिजली आपूर्ति, परिवहन और स्वास्थ्य सुविधाओं आदि जैसे बुनियादी ढांचे का भी विकास होगा | इस तरह से अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ जो विकास होगा उससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कई लाख रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे |

एक अनुमान के अनुसार राम मंदिर बनने से अयोध्या में लगभग १ लाख करोड़ से ज्यादा का व्यापार होगा और आने वाले समय में यह आकड़ा लगभग ३ लाख करोड़ तक पहुंचेगा | कुल मिलाकर रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण से लाखो लोगो को न केवल रोजगार का मौका मिलेगा बल्कि सरकार को हजारो करोड़ों का राजस्व मिलेगा जिसका इस्तेमाल देश के विकास में होगा | अब जो लोग यह कहते थे की देश को राम मंदिर का निर्माण नहीं विकास चाहिए उनके मुँह अब बंद हो जाने चाहिए क्योंकि राम मंदिर का निर्माण देश में रोजगार और विकास का पर्याय बन चुका है !

पढ़े – महान ग्रन्थ रामायण – एक आदर्श जीवन दर्शन

 

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